सीकर का सफर


सीकर - जहाँ दिखता है पिछला इतिहास
सीकर, भारतीय राज्य, राजस्थान के उत्तरपूर्वी भाग में स्थित एक बहुत ही प्रसिद्ध पर्यटन केंद्र है। गुलाबी शहर, जयपुर के बाद यह दूसरा सबसे अधिक विकसित शहर है तथा सीकरजि़ले का प्रशासनिक मुख्यालय है। इस शहर की सीमाएँ राज्य के झुंझनू, चुरू, नागौड़ तथा जयपुरजि़ले से जुड़ी हैं। ऐतिहासिक रूप से इस शहर को ’बीर भान का बास’ के नाम से जाना जाता था तथा राज्य की राजधानी, ठिकाना सीकर पर शेखावटी राजाओं का शासन था।

पर्यटन का गढ़...
राजस्थान का मुख्य पर्यटन गढ़, सीकर, विशेषकर लक्ष्मणगढ़ के लिए जाना जाता है। यह शहर 1862 में लक्ष्मण सिंह द्वारा बनाए गए लक्ष्मणगढ़ किले के लिए प्रसिद्ध है। किले में सुंदर भित्तिचित्र तथा शेखावटी शैली में बनी शिल्पकला दुनियाभर से पर्यटकों को आकर्षित करती है। यह शहर सावंत राम चोखाणी हवेली, बंसीधर राठी हवेली, सांगेनेरिया हवेली, मिरिजामल हवेली, चार चोक हवेली और केडि़या हवेली के लिए प्रसिद्ध है।
छुट्टियों में सीकर आने वाले यात्री फतेहपुर शहर भी देख सकते हैं। यह षहर मुस्लिम कायमखानी, नवाब फतेह खान द्वारा बनवाया गया था। यह जगह शाही किलों, हवेलियों, मंदिरों, नवाबी बावड़ी, टंकियों, मस्जिदों और कब्रों के लिए प्रसिद्ध है। खाटूश्यामजी मंदिर, सीकर का प्रसिद्ध तीर्थस्थल है और हर साल बड़ी संख्या में यात्री इसे देखने के लिए आते हैं।
फरवरी और मार्च महीनों में यहाँ खाटूश्यामजी का मेला लगता है। इस मेले में क्षेत्र की रंगबिरंगी लोकसंस्कृति और कलाएँ प्रदर्शित की जाती है। सीकर की यात्रा करते हुए यदि समय मिलें तो पर्यटकों को गणेश्वर, जीनमाता, हरसनाथ, रामगढ़ तथा माधो निवास कोठी भी देखनी चाहिए।

सीकर पहुंचना
सीकर जि़ला वायु, रेल तथा सड़क से भली प्रकार जुड़ा है। इस जगह का निकटतम एयरबेस गुलाबी शहर, जयपुर में स्थित है। यह अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा भारत के बड़े शहरों जैसे- अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, गुवाहाटी, हैदराबाद, कोलकाता तथा मुंबई से नियमित उड़ानों के द्वारा जयपुर, दिल्ली, गंगानगर, बीकानेर तथा चुरू से जुड़ा है। हवाईअड्डे ओर रेलवे स्टेशन से सीकर पहुँचने के लिए टैक्सियाँ बुक की जाती हैं। यहाँ पहुँचने के लिए आसपास के शहरों जैसे दिल्ली, जयपुर, जोधपुर तथा बीकानेर से बसें भी उपलब्ध होती हैं। साल में अधिकतर समय इस जगह का मौसम गर्म तथा अर्ध-शुष्क होता है। सीकर आने के लिए सबसे अच्छा मौसम सर्दियों का होता है क्योंकि इस समय मौसम आरामदायक होता है।


जीनमाता, सीकर  Jeenmata, Sikar
जीनमाता एक गाँव हे जो देवी जीन माता को समर्पित एक प्रचीन मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। एक मान्यता के अनुसार यह तीर्थस्थल लगभग 1000 साल पहले बनाया गया था। इस मंदिर की वास्तुकला विशिष्ट राजपूताना डिज़ाइन को दर्षाती है। मंदिर में स्थित 24 स्तंभ पर विभिन्न आकृतियाँ बनी हैं। यात्री यहाँ पर देवी जीन माता की अष्ट भुजाओं वाली मूर्ति देख सकते हैं। नवरात्रों में लगने वाले वार्षिक मेले में इस तीर्थस्थल पर बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। यह हिंदू त्योहार भारतीय कैलेंडर के चैत्र और अश्विन महीने में मनाया जाता है।


खाटूश्यामजी मंदिर, सीकर  Khatushyamji Temple, Sikar
खाटूश्यामजी मंदिर, सीकर से 65कि.मी. दूर खाटूश्यामजी गाँव में स्थित है। सफेद मार्बल से बना यह प्राचीन मंदिर हिंदू भगवान, श्रीकृष्ण को समर्पित हे तथा अनेक मज़ेदार किंवदंतियों से जुड़ा है। इस मंदिर का वर्णन महान ग्रंथ ’महाभारत’ में किया गया है। हिंदू धर्म के अनुसार इस मंदिर में स्थित तालाब में डुबकी लगाने को पवित्र माना गया है। सुंदर नज़ारों के कारण मंदिर का श्याम बाग पर्यटकों को आकत करता है। यह मंदिर फरवरी और माच्र महीनों में लगने वाले खाटूश्यामजी मेले के लिए प्रसिद्ध है। यह मेला इस क्षेत्र के विभिन्न लोकनृत्यों, संगीत तथा कलाओं को प्रदर्शित करता हे। भारतीय कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन में सुदी दशमी और द्वादशी के बीच यहाँ तीन दिवसीय वार्षिक मेला लगता है।


गणेश्वर, सीकर   Ganeshwar, Sikar
गणेश्वर, सीकर जि़ले में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन आकर्षण है। यह गाँव गर्म गंधक के चश्मों के लिए प्रसिद्ध है। ऐसा माना जाता है कि इन चश्मों में डुबकी लगाने से त्वचा के रोग दूर हो जाते हैं। पर्यटक यहाँ पर 4000 साल पुरानी सभ्यता के खंडहर भी देख सकते हैं। गणेश्वर के पास स्थित बालेश्वर शहर, एक प्राचीन शिव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है।


हरसनाथ, सीकर  Harasnath, Sikar
हरसनाथ, सीकर में स्थित एक गाँव है जिसे हर्ष भी कहा जाता है। यह गाँव अपने प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। इन सभी मंदिरों में से हरसनाथ मंदिर का निर्माण 10वी. सदी में हुआ था। इस मंदिर के अलावा, पर्यटक पास ही में स्थित दो शिव मंदिर भी देख सकते हैं। इनमें से एक मंदिर 18वी. सदी में शिव सिंह ने बनवाया था। यहाँ पर पर्यटक 961ई. का एक अभिलेख भी देख सकते हैं। प्रसिद्ध चैहान वंश के इतिहास को जानने के लिए इस अभिलेख को सबसे प्रामाणिक स्रोत माना जाता है।


माधो निवास कोठी, सीकर   Madho Niwas Kothi, Sikar
माधो निवास कोठी, सीकर के प्रसिद्ध पर्यटन आकर्षणों में से एक है। इसे माधव सिंह ने बनवाया था। यात्री इस इमारत की दीवारों पर लगी सुंदर गोल्डन पेंटिंग देख सकते हैं।


रामगढ़, सीकर Ramgarh, Sikar
रामगढ़, सीकर से 74कि.मी. दूर स्थित एक षहर है। यह षहर 1791 में राव राजा देवी सिंह द्वारा बसाया गया था। यह विभिन्न कब्रों, मंदिरों, हवेलियों और एथनीक हस्तशिल्प के लिए प्रसिद्ध है। पर्यटक यहाँ पर राम गोपाल पोद्यार की कब्र, ताराचंद घनश्यामदास पोद्यार हवेली, बैजनाथ रुहिया हवेली, राम गोपाल पोद्यार हवेली तथा गोपीराम बागडि़या हवेली देख सकते हैं। इन सबके अलावा मोतीलाल सँवाइका हवेली, शनिदेव मंदिर, गंगा मंदिर, बालाजी मंदिर तथा मान जी खेमका हवेली, इस जगह के मुख्य आकर्षण हैं।


सकंभरी
 सकंभरी मंदिर 7वीं शताब्दी में बनवाया गया था। यह मंदिर संकरी माता को समर्पित है। यह शहर तीन तरफ से पर्वतों से घिरा हुआ है। इसके अलावा यह जगह पिकनिक स्थल के रूप में भी प्रसिद्ध है।


सिलिसर झील
 सिरीसर झील अलवर शहर से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसकी स्थापना महाराजा विनय सिंह ने 1845 ईसवीं में की थी। यह झील जंगलों से घिरे अरावली पर्वत पर स्थित है। यहां आप कई रंगीन पक्षियों को भी देख सकते हैं। सिलिसर महल यह महल पर्वतों पर स्थित है। यहां से झील का नजारा भी देखा जा सकता है। यह महल काफी शानदार है। इस महल को महाराजा विनय सिंह ने अपनी रानी शीला के लिए बनवाया था। यहां बोटिंग का मजा भी लिया जा सकता है। इस महल की छत से सूर्योदय और सूर्यास्‍त का खूबसूरत नजारा भी देखा जा सकता है।


एक नजर में
क्षेत्रफल: 7,732 वर्ग किलोमीटर
ऊंचाई: समुद्र तल से 1,500 मीटर
एसटीडी कोड: 01572
घूमने का समय: अक्टूबर से मार्च








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