श्रीगंगानगर के पर्यटन स्थल
श्रीगंगानगर के पर्यटन स्थल
समृद्ध कला व संस्कृति के लिए विशेष रूप से जाना जाता है
राजस्थान स्थित गंगानगर जिला अपनी समृद्ध कला व संस्कृति के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। इसके साथ ही यह जगह एशिया के सबसे बड़े कृषि फार्म के लिए भी प्रसिद्ध है। बिन्जोर, शिवपुरी कागद, शिवपुर, सूरतगढ़ तापीय विद्युत परियोजना और अनूपगढ़ आदि यहां के दर्शनीय स्थलों में से है। इन सबके के अलावा, यहां श्रीजगदम्बा मूक-बधिर विद्यालय भी है जिसे देश में पहली कम्प्यूटराईज्ड ब्रेल प्रेस यूनिट होने का गौरव प्राप्त है। यह जिला बिकानेर जिला के दक्षिण, हनुमानगढ़ जिला के पूर्व, पंजाब राज्य के उत्तर और पाकिस्तान के पश्चिमी हिस्से से घिरा हुआ है।
ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह स्थान काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। थार रेगिस्तान के रेतील धोरों से आच्छादित राजस्थान प्रदेश के उत्तरी भू-भाग का गंगानगर अपने आप में अनूठा इतिहास संजोये हुए हैं। जोधपुर के निर्माता राव जोधा के पुत्र बीका ने 1488 में बीकानेर की स्थापना की थी। ऐसा कहा जाता है कि बीकानेर के इतिहास में श्रीगंगानगर जिले का इतिहास भी छिपा हुआ है। राव बीका के उपरान्त राव लूणकरण ने बीकानेर राज्य पर राज्य किया। बीकानेर राज्य की सीमाओं को बढ़ाने के लिए लूणकरण के पुत्र जयसिंह ने अनेक युद्ध किए। वीर और तेजस्वी राजपूत शासकों के साहस पूर्ण प्रयत्नों से ही 15वीं शताब्दी में एक नये बीकानेर राज्य का निर्माण किया गया। पूर्व समय में यह जिला बीकानेर रियासत का हिस्सा था। इसके साथ ही भूतपूर्व रियासत वृहद राजस्थान के संयुक्त राज्य का हिस्सा बना और 30 मार्च 1949 ई. को श्रीगंगानगर क्षेत्र को एक नए जिले का रूप प्रदान किया गया।
कहां जाएं
बिन्जोर: अनूपगढ़ से लगभग 11 किलोमीटर की दूरी पर बिन्जोर गांव है। इस गांव में एक मजार बनी है। ऐसा कहा जाता है कि एक मजनू ने इस मरुस्थल में भटकते हुए अपनी अंतिम सांसे ली थी। प्रत्येक वर्ष यहां मेले का आयोजन किया जाता है।
शिवपुरी कागद: विजयनगर कस्बे के समीप में ही शिवपुरी कागद स्थित है। इस जगह पर एक दो मंजिला एक गढ़ी बनी हुई है। इसका आकार हवाई जहाज के पंखनुमा के समान है। यह इमारत भारतीय स्थापत्य कला का एक बेजोड़ नमूना कहा जा सकता है। इसका निर्माण बीकानेर राज्य के दीवान मानवाती सिंह ने करवाया था।
अनूपगढ: पूर्व समय में अनूपगढ़ को चुनेर के नाम से जाना जाता था। अनूपगढ़ में एक प्राचीन किला है जो कि यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से है। इस किले को अनूपगढ़ का किला भी कहा जाता है। इस किले का निर्माण बीकानेर के महाराजा अनूपसिंहजी ने करवाया था।
कृषि फार्म: 1956 ई. में रूस की सहायता से बना सूरतगढ़ स्थित यंत्रीकृत कृषि फार्म एशिया का सबसे बडा़ फार्म है। इसके अलावा 1964-65 ई. में भारत सरकार की सहायता से बना निर्मित जतसर का यंत्रीकृत कृषि फार्म जिले के आधुनिक तीर्थ स्थल है।
शिवपुर हैड: शिवपुर गांव, श्रीगंगानगर से लगभग 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बीकानेर के महाराजा श्रीगंगसिंह का सपना था कि वह इस क्षेत्र को अधिक विकसित कर सके। 26 अक्टूबर 1927 ई. को भारत के तत्कालीन वायसराय लार्ड इरविन ने इस जिले की प्राणदायिनी गंगनहर का पानी प्रवाहित कर उनके सपने को साकार किया।
सूरतगढ़ तापीय विद्युत परियोजना: सूरतगढ़ से 27 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ठुकराना गांव में प्रदेश की सबसे बड़ी तापीनय विद्युत परियोजना है। यह राजस्थान का सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट है। आरम्भ में इस विद्युत की उत्पादन क्षमता 500 थी किन्तु वर्तमान में 5 कार्यशील इकाईओं के साथ इसकी क्षमता 1250 मेगावाट है। जबकि छठी इकाई अर्थात् 250 मेगावाट का कार्य प्रगति पर है। इस तापीय परियोजना को वर्ष 2000-2004 के विद्युत उत्पादन में अपने बेहतरीन प्रदर्शन के लिए भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा गोल्डन शील्ड अवार्ड ने नवाजा गया था। यह पुरस्कार 24 अगस्त 2004 को भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वारा प्रदान किया गया था। यह परियोजना जिले की विद्युत आवश्यकताओं की पूर्ति कर वहां के तीव्र औद्योगिक विकास में सहायक सिद्ध हो रही है।
श्रीजगदम्बा मूक-बधिर विद्यालय: सन् 1980 ई. में परमहंस स्वामी ब्रह्मदेवजी की प्रेरणा और लगन से श्रीजगदम्बा मूक-बधिर विद्यालय की स्थापना हुई। इसके साथ यहां के स्थानीय और जिले के भामाशाहों ने इस विद्यालय को बनाने में सक्रिय सहयोग दिया। इस विद्यालय की विशेषता है कि इसे देश में पहली कम्प्यूटराईज्ड ब्रेल प्रेस यूनिट होने का गौरव भी प्राप्त है। इस ब्रेल प्रेस का उद्घाटन श्री बलीरामजी भगत ने 15 अप्रैल 1994 ई. में किया था। इस विद्यालय में पढ़ रहे मूक बधिर विकलांश छात्र अपने भावी जीवन को सुंदर बनाने का सार्थक प्रयास करते हैं।
कहां ठहरें
होटल साहिल
लोकेशन: गंगानगर जिला,
राजस्थान।
दूरभाष: 0154-2442647
होटल आकाशदीप
लोकेशन: गंगानगर जिला,
राजस्थान।
दूरभाष: 0154-2442647
होटल शगुन
लोकेशन: गंगानगर जिला,
राजस्थान।
दूरभाष: 0154-2441437
होटल हांसल
लोकेशन: गंगानगर जिला,
राजस्थान।
दूरभाष: 0154-2475762
होटल रामा पैलेस
दूरभाष: लोकेशन: गंगानगर जिला,
राजस्थान।
दूरभाष: 0154-2440811
कैसे जाएं
वायु मार्ग: यहां का सबसे निकटतम हवाई अड्डा जयपुर का हवाई अड्डा है।
रेल मार्ग: रेलमार्ग द्वारा भारत के कई प्रमुख शहरों से गंगानगर आसानी से पहुंचा जा सकता है।
सड़क मार्ग: भारत के कई प्रमुख शहरों से गंगानगर सड़कमार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।
एक नजर में
राज्य: राजस्थान
क्षेत्रफल: 11154,66
भाषा: मारवाड़ी और पंजाबी
एसटीडी कोड: 0154
घूमने का समय: अक्टूबर से फरवरी
समृद्ध कला व संस्कृति के लिए विशेष रूप से जाना जाता है
राजस्थान स्थित गंगानगर जिला अपनी समृद्ध कला व संस्कृति के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। इसके साथ ही यह जगह एशिया के सबसे बड़े कृषि फार्म के लिए भी प्रसिद्ध है। बिन्जोर, शिवपुरी कागद, शिवपुर, सूरतगढ़ तापीय विद्युत परियोजना और अनूपगढ़ आदि यहां के दर्शनीय स्थलों में से है। इन सबके के अलावा, यहां श्रीजगदम्बा मूक-बधिर विद्यालय भी है जिसे देश में पहली कम्प्यूटराईज्ड ब्रेल प्रेस यूनिट होने का गौरव प्राप्त है। यह जिला बिकानेर जिला के दक्षिण, हनुमानगढ़ जिला के पूर्व, पंजाब राज्य के उत्तर और पाकिस्तान के पश्चिमी हिस्से से घिरा हुआ है।
ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह स्थान काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। थार रेगिस्तान के रेतील धोरों से आच्छादित राजस्थान प्रदेश के उत्तरी भू-भाग का गंगानगर अपने आप में अनूठा इतिहास संजोये हुए हैं। जोधपुर के निर्माता राव जोधा के पुत्र बीका ने 1488 में बीकानेर की स्थापना की थी। ऐसा कहा जाता है कि बीकानेर के इतिहास में श्रीगंगानगर जिले का इतिहास भी छिपा हुआ है। राव बीका के उपरान्त राव लूणकरण ने बीकानेर राज्य पर राज्य किया। बीकानेर राज्य की सीमाओं को बढ़ाने के लिए लूणकरण के पुत्र जयसिंह ने अनेक युद्ध किए। वीर और तेजस्वी राजपूत शासकों के साहस पूर्ण प्रयत्नों से ही 15वीं शताब्दी में एक नये बीकानेर राज्य का निर्माण किया गया। पूर्व समय में यह जिला बीकानेर रियासत का हिस्सा था। इसके साथ ही भूतपूर्व रियासत वृहद राजस्थान के संयुक्त राज्य का हिस्सा बना और 30 मार्च 1949 ई. को श्रीगंगानगर क्षेत्र को एक नए जिले का रूप प्रदान किया गया।
कहां जाएं
बिन्जोर: अनूपगढ़ से लगभग 11 किलोमीटर की दूरी पर बिन्जोर गांव है। इस गांव में एक मजार बनी है। ऐसा कहा जाता है कि एक मजनू ने इस मरुस्थल में भटकते हुए अपनी अंतिम सांसे ली थी। प्रत्येक वर्ष यहां मेले का आयोजन किया जाता है।
शिवपुरी कागद: विजयनगर कस्बे के समीप में ही शिवपुरी कागद स्थित है। इस जगह पर एक दो मंजिला एक गढ़ी बनी हुई है। इसका आकार हवाई जहाज के पंखनुमा के समान है। यह इमारत भारतीय स्थापत्य कला का एक बेजोड़ नमूना कहा जा सकता है। इसका निर्माण बीकानेर राज्य के दीवान मानवाती सिंह ने करवाया था।
अनूपगढ: पूर्व समय में अनूपगढ़ को चुनेर के नाम से जाना जाता था। अनूपगढ़ में एक प्राचीन किला है जो कि यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से है। इस किले को अनूपगढ़ का किला भी कहा जाता है। इस किले का निर्माण बीकानेर के महाराजा अनूपसिंहजी ने करवाया था।
कृषि फार्म: 1956 ई. में रूस की सहायता से बना सूरतगढ़ स्थित यंत्रीकृत कृषि फार्म एशिया का सबसे बडा़ फार्म है। इसके अलावा 1964-65 ई. में भारत सरकार की सहायता से बना निर्मित जतसर का यंत्रीकृत कृषि फार्म जिले के आधुनिक तीर्थ स्थल है।
शिवपुर हैड: शिवपुर गांव, श्रीगंगानगर से लगभग 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बीकानेर के महाराजा श्रीगंगसिंह का सपना था कि वह इस क्षेत्र को अधिक विकसित कर सके। 26 अक्टूबर 1927 ई. को भारत के तत्कालीन वायसराय लार्ड इरविन ने इस जिले की प्राणदायिनी गंगनहर का पानी प्रवाहित कर उनके सपने को साकार किया।
सूरतगढ़ तापीय विद्युत परियोजना: सूरतगढ़ से 27 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ठुकराना गांव में प्रदेश की सबसे बड़ी तापीनय विद्युत परियोजना है। यह राजस्थान का सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट है। आरम्भ में इस विद्युत की उत्पादन क्षमता 500 थी किन्तु वर्तमान में 5 कार्यशील इकाईओं के साथ इसकी क्षमता 1250 मेगावाट है। जबकि छठी इकाई अर्थात् 250 मेगावाट का कार्य प्रगति पर है। इस तापीय परियोजना को वर्ष 2000-2004 के विद्युत उत्पादन में अपने बेहतरीन प्रदर्शन के लिए भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा गोल्डन शील्ड अवार्ड ने नवाजा गया था। यह पुरस्कार 24 अगस्त 2004 को भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वारा प्रदान किया गया था। यह परियोजना जिले की विद्युत आवश्यकताओं की पूर्ति कर वहां के तीव्र औद्योगिक विकास में सहायक सिद्ध हो रही है।
श्रीजगदम्बा मूक-बधिर विद्यालय: सन् 1980 ई. में परमहंस स्वामी ब्रह्मदेवजी की प्रेरणा और लगन से श्रीजगदम्बा मूक-बधिर विद्यालय की स्थापना हुई। इसके साथ यहां के स्थानीय और जिले के भामाशाहों ने इस विद्यालय को बनाने में सक्रिय सहयोग दिया। इस विद्यालय की विशेषता है कि इसे देश में पहली कम्प्यूटराईज्ड ब्रेल प्रेस यूनिट होने का गौरव भी प्राप्त है। इस ब्रेल प्रेस का उद्घाटन श्री बलीरामजी भगत ने 15 अप्रैल 1994 ई. में किया था। इस विद्यालय में पढ़ रहे मूक बधिर विकलांश छात्र अपने भावी जीवन को सुंदर बनाने का सार्थक प्रयास करते हैं।
कहां ठहरें
होटल साहिल
लोकेशन: गंगानगर जिला,
राजस्थान।
दूरभाष: 0154-2442647
होटल आकाशदीप
लोकेशन: गंगानगर जिला,
राजस्थान।
दूरभाष: 0154-2442647
होटल शगुन
लोकेशन: गंगानगर जिला,
राजस्थान।
दूरभाष: 0154-2441437
होटल हांसल
लोकेशन: गंगानगर जिला,
राजस्थान।
दूरभाष: 0154-2475762
होटल रामा पैलेस
दूरभाष: लोकेशन: गंगानगर जिला,
राजस्थान।
दूरभाष: 0154-2440811
कैसे जाएं
वायु मार्ग: यहां का सबसे निकटतम हवाई अड्डा जयपुर का हवाई अड्डा है।
रेल मार्ग: रेलमार्ग द्वारा भारत के कई प्रमुख शहरों से गंगानगर आसानी से पहुंचा जा सकता है।
सड़क मार्ग: भारत के कई प्रमुख शहरों से गंगानगर सड़कमार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।
एक नजर में
राज्य: राजस्थान
क्षेत्रफल: 11154,66
भाषा: मारवाड़ी और पंजाबी
एसटीडी कोड: 0154
घूमने का समय: अक्टूबर से फरवरी
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