हनुमानगढ़ का सफर

हनुमानगढ़ का सफर

एक ऐतिहासिक शहर
हनुमानगढ़ एक ऐतिहासिक शहर के रूप में जाना जाता है। हनुमानगढ़ में कई प्रसिद्ध स्थान जैसे भटनेर किला, कालीबंगा संग्रहालय, शिला माता मंदिर, गोगामेड़ी आदि है। हनुमानगढ़ पहले श्रीगंगानगर का हिस्सा था लेकिन 12 जुलाई 1994 में इसे अलग कर दिया गया। हनुमानगढ़ जिले को पहले भटनेर नाम से जाना जाता था। 1805 में बीकानेर के सम्राट सूरत सिंह ने भाटी से लड़ाई जीत कर इस स्थान पर कब्जा कर लिया था। जिस दिन वह जीते उस दिन मंगलवार था। तभी से इसे भटनेर को हनुमानगढ़ के नाम से जाना जाता है।

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भटनेर किला- यह काफी पुराना किला है। भटनेर दुर्ग घाघहर नदी के किनारे स्थित है। इस किले का निर्माण 295 ई. में भूपत के पुत्र अभय राव भाटी ने करवाया था। यह किला भारतीय इतिहास की कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी भी रहा है। यहीं पर मोहम्मद गौरी और पृथ्वीराज चौहान के बीच प्रसिद्ध तारइन का युद्ध हुआ था। भटनेर में कुतुबुद्दीन ऐबक, तैमूर और अकबर ने भी शासन किया है। तैमूर ने अपनी आत्‍मकथा तुजुक-ए-तैमूरी में लिखा है कि मैंने इस किले के समान हिन्दुस्तान के किसी अन्‍य किले को सुरक्षित और शाक्तिशाली नहीं पाया है। 1805 में बीकानेर के सम्राट सूरत सिंह ने भाटी से लड़ाई जीत कर इस स्थान पर कब्जा कर लिया था। जिस दिन वह जीते उस दिन मंगलवार था। तभी से इसे भटनेर के साथ हनुमानगढ़ के नाम से भी जाना जाता है।

कालीबंगा संग्रहालय- यह संग्रहालय हनुमानगढ़ से लगभग बीस किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। विभिन्न समान जैसे आभूषण, खिलौने और पुराने शहरों की तस्वीरें और बरतन आदि यहां देखे जा सकते हैं।

संगारिया संग्रहालय- सर छोटू राम मेमोरियल संग्रहालय संगारिया से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां देश की विभिन्न जगहों से चिकनी मिट्टी, पत्थर और धातु की बनी मूर्तियां, पुराने सिक्के आदि प्रदर्शित किया गया है। इसके अलावा यहां देवी पार्वती की 600-900 वर्ष पुरानी मूर्ति, पंद्रहवीं शताब्दी की तीर्थकर शांतिनाथ की मूर्ति, सत्रहवीं शताब्दी का तोरन और 5.5 ऊंचा कमंडल विशेष रूप से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए बनाया गया है।

शिला माता मंदिर- शिला माता का यह मंदिर साम्प्रदायिक सदभाव का सबसे अच्छा उदाहरण है। अठाहरवीं शताब्दी में स्थापित यह मंदिर जिला मुख्यालय पर वैदिक नदी सरस्वती के प्राचीन बहाव क्षेत्र में स्थित है। ऐसा माना जाता है कि शिला माता के शिल पीर में जो कोई भी दूध व पानी चढ़ाता है उसके त्वचा सम्बन्धी रोगों का निवारण हो जाता है। इसके अलावा प्रत्येक वीरवार यहां मेला लगता है।

गोगामेड़ी- यह मंदिर साम्प्रदायिक व राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। विभिन्न धर्मो के लोग देश-विदेश से यहां प्रार्थना करने के लिए आते हैं। सावन पूर्णिमा के आरम्भ में साल में एक बार लेकिन एक महीने तक चलने वाला गोगामेड़ी मेला लगता है। काफी संख्या में भक्तगण इस मेले में हर साल आते हैं।

श्री कबूतर साहिब गुरूद्वारा- खालसा पंथ के संस्थापक और दसवें सिक्ख गुरू श्री गुरू गोविन्द सिंह इस जगह घूमने के लिए आए थे। इस गुरूद्वार का निर्माण 1730 ई. में किया गया था।

कालीबंगा- यह भारत की प्राचीनतम संस्‍कृति हड़प्‍पा संस्‍कृति का एक प्रमुख केंद्र थ‍ा। यह प्राचीन समय में अपने चूडियों के लिए प्रसिद्ध था। ये चूडियां पत्‍थरों की बनी होती थी। आज भी यहां की चूडियां प्रसिद्ध हैं। आज भी यहां हड़प्‍पा सभ्‍यता के अवशेषों को देखा जा सकता है।

कहां ठहरें: ठहरने के लिए कालीबंगा के नजदीक बीकानेर सबसे अच्‍छा अच्‍छा शहर है।

लालगढ़ पैलेस (तीन सितारा)
लोकेशन: बीकानेर
कमरों की संख्या: 38
सुविधाएं: अलार्म क्लार्क, अटैच्ड बाथ, केबल, वर्क एरिया, डायरेक्ट एसटीडी/आईएसडी, गर्म व ठंडा पानी, मैग्जीन, अखबार, वातानुकूलित कमरें, रूम सर्विस, शॉपर, टेलीविजन, बिजनेस सेंटर, फैक्स सर्विस, डॉक्टर-ऑन-कॉल, बार और कार पर्किग इत्यादि।

होटल कर्नी भवन पैलेस (तीन सितारा)
लोकेशन: बीकानेर
कमरों की संख्या: 18
सुविधाएं: अलार्म क्लार्क, अटैच्ड बाथ, केबल, वर्क एरिया, डायरेक्ट एसटीडी/आईएसडी, गर्म व ठंडा पानी, मैग्जीन, अखबार, वातानुकूलित कमरें, रूम सर्विस, शॉपर, टेलीविजन, बिजनेस सेंटर, फैक्स सर्विस, डॉक्टर-ऑन-कॉल, बार और कार पर्किग इत्यादि।

राजविलास पैलेस होटल
लोकेशन: बीकानेर
कमरों की संख्या: 55
सुविधाएं: गर्म व ठंडा पानी, टेलीविजन, मिनी बार, डायरेक्ट डायलिंग, स्विमिंग पूल, बार, कॉफी शॉप, रस्तरां आदि।

कैसे जाएं
वायु मार्ग- सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जोधपुर है।
रेल मार्ग- सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन बीकानेर है। यह जगह दिल्ली, जयपुर, जोधपुर, भटिंडा, कालका और कलकत्ता आदि प्रमुख शहरों से जुड़ी हुई है।
सड़क मार्ग- बीकानेर भारत के प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, जयपुर, जैसलमेर आदि जगहों से जुड़ा हुआ है।

एक नजर में
क्षेत्रफल: 9656.09 वर्ग किलोमीटर
भाषा: अंग्रेजी, हिन्दी और राजस्थानी
घूमने का समय: अक्टूबर से फरवरी
एसटीडी कोड: 01552

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