धौलपुर का सफर

धौलपुर का सफर

विशेष रूप से बलुआ पत्थर के लिए जाना जाता
धौलपुर राजस्‍थान का एक छोटा सा शहर है। धौलपुर विशेष रूप से बलुआ पत्थर के लिए जाना जाता है। यहां बनाई जाने वाली अधिकतर इमारतों का निर्माण इन बलुआ पत्थरों से ही किया जाता है। धौलपुर में कई मंदिर, किले, झील और महल है जहां घूमा जा सकता है।  फोटो गैलरी देखें                            

धौलपुर एक पुराने ऐतिहासिक शहर के रूप में जाना जाता है। पहले इस जगह को धवलपुरी के नाम से जाना जाता था। धवल देओ शासन के बाद इस शहर का निर्माण किया गया। इस शहर का निर्माण होने के बाद इस जगह को धौलपुर के नाम से जाना जाने लग। 846 ईसवीं में यहां चौहान राजवंश्‍ा ने शासन किया था।

कहां जाएं
लसवारी- लसवारी एक ऐतिहासिक स्थल है। इसी स्थान पर लार्ड लेक ने दौलत राव सिंधिया की हत्या की थी। इसके अलावा यहां पुराना मुगल गार्डन, दमो जल प्रपात और कानपुर महल भी हैं। यह सभी जगह लसवारी की खूबसूरत जगहों में से है।

शेरगढ़ किला- यह किला धौलपुर से पांच किलोमीटर की दूरी पर चम्बल नदी के किनार स्थित है। इसे किले का निर्माण जोधपुर नरेश मालदेव ने 1532 ई. के आसपास करवाया था। इसके बाद इस किले का पुन: निर्माण करवाया गया। दोबारा इस किले को शेरशाह सूरी ने बनावाया था। इसीलिए इस किले का नाम शेरगढ़ किला रखा गया।

खानपुर महल- इस किले का निर्माण मुगल शासन के दौरान शाहजहां ने करवाया था। इस महल की खूबसूरत बनावट पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।

शिव मंदिर- यह एक ऐतिहासिक मंदिर है। इस मंदिर में की गई वास्तुकला काफी खूबसूरत है। यह शिव मंदिर ग्वालियर-आगरा मार्ग पर स्थित है।

मच्छकुंड- अगर आप धौलपुर आएं तो मच्छकुंड अवश्य घूमें। इस कुंड का नाम राजा मच्छ कुंड के नाम पर रखा गया। यह कुंड काफी पुराना है। मच्छ कुंड सूर्यवंशी वशं के 24वें राजा थे।  ऐसा माना जाता है कि राजा मच्छ कुंड यहां पर सो रहे थे। उसी समय राक्षस काल दमन भगवान कृष्ण का पीछा करते हुए यहां पहुंच गए और उन्होंने गलती से मच्छ कुंड को जगा दिया था। तब से यह स्थान धार्मिक स्थल के रूप में भी जाना जाता है। इस स्थान के आस-पास ऐसी कई जगह है जिसका निर्माण मुगल सम्राट अकबर ने करवाया था।

रामसागर अभ्यारण- यह अभ्यारण धौलपुर से 34 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह अभ्यारण रामसागर झील का एक हिस्सा है। इस झील में मगरमच्छ के साथ मछलियों एवं सांपों की प्रजातियां देखी जा सकती है। इसके अतिरिक्त पानी में रहने वाली पक्षी जैसे जलकौवा, बत्तख आदि भी देख सकते हैं।

तालाब-ए-शाही- यह जगह धौलपुर से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। तालाब-ए-शाही काफी खूबसूरत एवं ऐतिहासिक झील है। इस झील का निर्माण शाहजहां ने 1617 ईसवी में करवाया था। इस झील को देखने के लिए काफी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं।

वन विहार वन्य जीव अभ्यारण्य- यह अभ्यारण शहर से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह अभ्यारण धौलपुर शासक का सबसे पुराना वन्य जीव अभ्यारण है। इसका क्षेत्रफल करीबन 59.86 वर्ग किलोमीटर है। वन विहार विंध्यन पठार पर स्थित है।

कैसे जाएं
हवाई मार्ग- सबसे नजदीकी एयरपोर्ट आगरा में है। आगरा से धौलपुर की दूरी 60 किलोमीटर है।
रेल मार्ग- रेल मार्ग द्वारा धौलपुर से दिल्ली 230 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
सड़क मार्ग- सड़क मार्ग द्वारा भरतपुर से धौलपुर 113 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

एक नजर में
क्षेत्रफल- 3034 वर्ग किलोमीटर
घूमने का समय: अक्टूबर से मार्च
भाषा: राजस्थानी, अंग्रेजी और हिन्दी

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